
Image credits: Navbharat Times
सुष्मिता और ईश्वर्या की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे दृढ़ता, कड़ी मेहनत और हिम्मत से जीवन में आने वाली चुनौतियों के बावजूद सफलता प्राप्त की जा सकती है। दोनों बहनें तमिलनाडु के एक छोटे से किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके बचपन में पढ़ाई के लिए सीमित संसाधन थे। 2004 की सुनामी के दौरान उनका घर तबाह हो गया था, लेकिन इस त्रासदी ने उनके हौसले को नहीं तोड़ा, बल्कि उनकी हिम्मत और दृढ़ संकल्प को और मजबूत किया।
सुष्मिता और ईश्वर्या ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईएएस और आईपीएस अधिकारी बनीं। छोटी बहन ईश्वर्या ने सबसे पहले सफलता हासिल की, उन्होंने 2018 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और 628वीं रैंक हासिल की। उन्हें रेलवे अकाउंट्स सर्विस (RAS) की सेवा मिली, लेकिन ईश्वर्या अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थीं और उन्होंने फिर से परीक्षा देने का फैसला किया। 2019 में ईश्वर्या ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा फिर से दी और 44वीं रैंक हासिल की, जिससे वह तमिलनाडु कैडर की आईएएस अधिकारी बनीं।
दूसरी ओर, सुष्मिता को कई असफलताओं का सामना करना पड़ा, उन्होंने अपने पहले पांच प्रयासों में परीक्षा पास नहीं की। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत जारी रखी। आखिरकार सुष्मिता ने छठे प्रयास में 2022 में सफलता हासिल की, उन्होंने 528वीं रैंक हासिल करके आंध्र प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी का पद हासिल किया। सुष्मिता और ईश्वर्या की कहानी युवाओं को प्रेरित करती है और दिखाती है कि अगर मन में ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं है। उनकी कहानी एक शानदार उदाहरण है कि कैसे दृढ़ता और कड़ी मेहनत से जीवन में आने वाली चुनौतियों के बावजूद सफलता प्राप्त की जा सकती है।
सुष्मिता और ईश्वर्या की सफलता की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि कभी भी अपने सपनों को छोड़ना नहीं चाहिए और हमेशा सुधार के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। उनकी कहानी एक प्रेरणा का स्रोत है और युवाओं को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। सुष्मिता और ईश्वर्या की कहानी एक सच्ची मिसाल है कि कैसे दृढ़ संकल्प और मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
सुष्मिता और ईश्वर्या की कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि असफलता से नहीं हारना चाहिए, बल्कि उसे एक सीख के रूप में लेना चाहिए और आगे बढ़ने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। उनकी कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे दृढ़ता और कड़ी मेहनत से जीवन में आने वाली चुनौतियों के बावजूद सफलता प्राप्त की जा सकती है। सुष्मिता और ईश्वर्या की सफलता की कहानी युवाओं को प्रेरित करती है और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।
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